करीब एक लाख फैक्टरियां बंद, नहीं निकल रहा कचरा दिल्ली के 33 औद्योगिक क्षेत्रों में एक लाख से ज्यादा फैक्टरियां हैं। हालांकि यहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगे हुए हैं, लेकिन बड़ी मात्रा में औद्योगिक कचरा सीधे नालों में छोड़ दिया जाता है। इससे नदी प्रदूषित होती है। इस वक्त औद्योगिक कचरा एकदम नहीं निकल रहा है। इससे नदी की सेहत बेहतर हुई है। - एसके माहेश्वरी, उद्यमी, पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया

करीब एक लाख फैक्टरियां
बंद, नहीं निकल रहा कचरा
दिल्ली के 33 औद्योगिक क्षेत्रों में एक लाख से ज्यादा फैक्टरियां हैं। हालांकि यहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगे हुए हैं, लेकिन बड़ी मात्रा में औद्योगिक कचरा सीधे नालों में छोड़ दिया जाता है। इससे नदी प्रदूषित होती है। इस वक्त औद्योगिक कचरा एकदम नहीं निकल रहा है। इससे नदी की सेहत बेहतर हुई है।
- एसके माहेश्वरी, उद्यमी, पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया


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उधर, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और दिल्ली जल बोर्ड इस तरह के बदलावों का अध्ययन करने की योजना तैयार कर रहा है। सीपीसीबी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि बोर्ड जल्द ही नदी से सैंपल लेगा।
خبرگرم ہے... نہ کھاوں گا نہ کھانے دوں گا
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इसके आधार पर देखा जाएगा कि लॉकडाउन का नदी की सेहत पर असर क्या रहा है। हालांकि, इस तरह की एक स्टडी बोर्ड वायु की गुणवत्ता पर पहले से कर रहा है। दूसरी तरफ, दिल्ली जल बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नदी से सैंपल लिया जाएगा। इसके आधार पर बोर्ड भविष्य में नदी को स्वच्छ रखने का खाका तैयार करेगा।